दोस्तों नमस्कार मैं आपको यहां पर बताना चाहता हूं कि डिप्रेशन से बचने के क्या तरीके हो सकते है। दोस्तों जैसा कि हम लोग जानते हैं कि हम लोगों की आम जिंदगी में बहुत सारी मशीनें इस्तेमाल की जाती हैं।उदाहरण के तौर पर अपना पर्सनल कंप्यूटर। इस्तेमाल करते हैं हम उसमें बहुत सारी अपनी एक्टिविटीज करते हैं ऐसे वीडियो देखते हैं सॉन्ग सुनते हैं ऑफिशियल काम करते हैं ऑफिस वर्क सॉफ्टवेयर चलाते हैं । और हम उस पर हर तरह के प्रोग्राम का इस्तेमाल करते हैं, होता क्या है इससे हमारा कंप्यूटर स्लो हो जाता है। हम उसकी स्पीड बढ़ाने के लिए हम उसकी जंक फाइल को डीलीट करते हैं कई बार हम एंटीवायरस चलाते हैं,जिससे कि जंक फाइल डिलीट हो जाए दोस्तों यही हाल यही सेम प्रोसीजर हमारी जिंदगी रूपी मशीन के साथ है। यानी शरीर के साथ है। हमारा शरीर अलग अलग तरीके के मशीन के मिक्सअप से बना है। जो समय-समय पर हम अपने शरीर की इन मशीनों का यूज करते रहते हैं। ऑफिस में काम करते है।जब इन सब प्रक्रियाओं से हमारी शरीर गुजरती है तो हमारी शरीर के अंदर डिप्रेशन नाम की एक बीमारी स्वता पैदा हो जाती है । यह डिप्रेशन हर इंसान में अलग अलग तरीके से दिखता है किसी को डिप्रेशन थकान के रूप में आता है, किसी को डिप्रेशन सर दर्द काम में मन न लगना या फिर बॉडी पेन या फिर नींद न आना आदि जैसे कई अलग-अलग प्रारूप में शरीर के अंदर आता है।लेकिन हम इस डिप्रेशन को बहुत हल्के में लेते हैं या यू कहे हैं कि हम उसका भड़ास अपनी दैनिक दिनचर्या वाले कार्यों पर निकाल देते हैं। और हम वहां तो गुस्सा करके हम अपनी भावनाओं को व्यक्त करके हम अपने डिप्रेशन को ही सही करने की कोशिश करते हैं ।क्या यह सही है? जी नहीं बिल्कुल नहीं । इसका हल भारतीय संस्कृति के बताए हुए नियमों को फॉलो कर ने से मिलेगा। डिप्रेशन से बचने के लिए हमें सबसे पहले व्यायाम करना चाहिए हम अगर ऐसे दिनचर्या में है जहां से बार-बार डिप्रेस्ड महसूस कर रहे हैं या हम साधारण भाषा में बोले या बार-बार थकावट महसूस करते हैं, सर में दर्द महसूस करते हैं नींद न आना बेचैनी आदि समस्याओं के रूप में पीड़ित हो। अगर आप बार बार कहते हैं कि हमे कुछ नहीं हुआ है हम अच्छे हैं, दरअसल आप ये नहीं बोल रहे है। ये आपका तनाव युक्त चेहरा आपका सब कुछ बयां कर रहा है।
इस से बचने की सबसे अच्छा उपाय है कि हम अपनी बॉडी को एक रूटीन आधार पर एक्सरसाइज करें। जैसे कि अर्ली मॉर्निंग में सुबह 6:00 से 6:30 तक उठ जाय,और मॉर्निंग वॉक करें।अगर हो सके तो हरी घास पर नंगे पांव चले तो बहुत अच्छा होगा यादि ऐसा संभव हो,अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो आपको सू पहनकर के नार्मल ऐसी एरिया में मॉर्निंग वॉक करना चाहिए घंटा दो घंटा जो कम से कम ज्यादा पीसफुल और पेड़-पौधों से भरा एरिया हो। फास्ट फूड से बचें कोशिश करें और सबसे बेहतर है कि घर का खाना खाएं। जो भोज पदार्थ हमारी लाइफस्टाइल को मजबूत करते हैं और हमारे डिप्रेशन को हटाने मे मदद करते हैं कोशिश करें कम से कम रासायनिक खाद, कीटनाशक से उगी हुई सब्जियां अनाज ही खाए। फल फ्रूट खाएं। जैविक भोज्य पदार्थों के सेवन से आप आश्चर्यजनक तीरेके से ठीक हो सकते है।
Organic food केवल हमको बीमार ही नही होने दे ते अपितु हमारी जिंदगी की साइकिल को भी बढ़ाते है।
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