नमस्कर,महामारी का समय चल रहा है, पुरी दुनिया इससे जूझ रही है।
रिसर्चर और वैज्ञानिक इसकी दवाई बनाने में लगे हुए है।
ऐसेमे यह जरूरी हो जाता है कि अपना और अपने परिवार की देखभाल कैसे करें।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा दिए गए वचन
"जब तक दावाई नहीं तब तक ढीलाई नही"
का पालन करना चाहिए।।
आइए जानते है हम कैसे अपने परिवार की देखभाल करें।
मास्क को बनाए अपने ड्रेसिंग स्टाइल का हिस्सा, मास्क सिर्फ आप को corona ही नहीं बल्कि अन्य फ्लू, मौशमी कफ,कोल्ड बुखार आदि से बचाता है,यह आजकल प्रदूषण भरी हवा में अच्छी सांस लेने में सहायता भी करता है,
साबुन या सैनिटाइजर?? जहां तक प्रश्न साबुन या सैनिटाइजर का है , कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा साबुन ही प्रयोग में लाएं।अपने आंख कान नाक को टच करने से पहले अच्छी तरह साबुन पानी से हाथ धो लें। अपने कपड़ों को डिटर्जेंट पाउडर या साबुन से साफ करें जहां तक हो सके सैनिटाइजर की तो कोशिश करें यदि आप साबुन और पानी की उपलब्धता वाले स्थान पर हैं तो आप सैनिटाइजर को छोड़कर सबसे पहले साबुन पानी के इस्तेमाल करें ये ज्यादा सुरक्षित है । सैनिटाइजर का इस्तेमाल बहुत अर्जेंट है जहां पर साबुन पानी ना हो और आपको लगाना जरूरी है तो ही लगाए।
नियमित व्यायाम करें, अच्छी स्वास्थ्य लाइफ और मजबूत इम्युनिटी के लिए
व्यायाम आवश्यक है । फेफड़े स्वास्थ्य रहते है, body से खतरनाक कैमिकल उतसृजित हो जाता है और body healthy हो जाती है।
केमिकल युक्त दवा और खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल न करें।
शरीर में साधारण परेशानी होने पर तुरंत allopathy की medicine ना खाएं, कोशिश करे कि ऑर्गेनिक और आयुर्वेदिक दवा का इस्तेमाल करके उसको ठीक करने की कोशिश करें। लेकिन आजकल ये
जरूर देखें कि ये दवाइयां वाकई देशी हो और प्रमाणित स्टोर /दुकान से खरीदे। अगर ना मिले तो साबूत ही इनको लें और अपने घर पर process करके उनको खाए।
ऑर्गेनिक भोजन करने से आपका शरीर कम chemical से इफेक्टेड होगा फलस्वरूप उसमें Desease से लडने की खमता ज्यादा होगी और आप स्वास्थ्य रहेंगे।
प्राकृतिक आहार में सभी तरह के chemical minerals पाए जाते है अपने प्राकृतिक स्वरूप में
होते हैं जिसमें हमारी body पदार्थों को आवसेशित करने की छमता रखती है।
माइक्रो अवस्था में ऑर्गेनिक प्लांट में पाए जाने वाले केमिकल मिनरल्स पूर्ण्याताया सुध और प्राकृतिक होते है। इनका प्रयोग सरीर में आहार पूरक से होकर बॉडी बिल्डिंग तक का कार्य करता है, और इम्युनिट को hard करने में मदद करता है।
लेकिन जब उन्ही केमिकल मिनरल्स को हम बाहर से सीधेप्रयोग में लाते है तो उनका असर तीव्र होता है और हमारी बॉडी का पूरा immunes system उनके इफेक्ट को balance करने में खत्म हो जाता है। परिणाम स्वरूप कमजोर इम्यून सिस्टम बाहर के हमलों से नहीं बचा पाता हमको और हम बीमार पड़ जाते है।
Immunity boost कैसे करें,
इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आप फ़्री की भारत में उपलब्ध औषधियों का प्रयोग कर सकते है
जैसे गिलोय,अमला, नींबू, संतरा, चना, गुड़, हरे सब्जियां और साग,। एक
नेचुरल तरीके से आपकी immunity को boost Rekhta Hai, इनका प्रयोग आप थोड़ी थोड़ी मात्रा में रोज करें।
गिलोय इसका प्रयोग आप जूस, चूर्ण, या चाय बनाकर
या फिर गोली बनाकर रोजाना पूरे परिवार को दें,ये आपकी पूरे परिवार की स्वास्थ्य रखने की better medical herbs है।
अमला भारत में पाया जाने वाला ये फल किसी चमत्कार से कम नहीं है। इसका फल बीज और छाल तक दवा होती है,
आप घर में इसका candy 🍭 या कच्चा खा कर या chutney के फार्म में या मुरब्बा बना कर इस्तेमाल कर सकते है।
नींबू हमारे खाने का अहम हिस्सा विटामिन मिनरल से भराहुआ ये फल गुणों से भरा हुआ है, आप अपने खाने के साथ ,या पानी में निचोड़ के
या अचार के रूप में इसको सकते है।
ये शरीर में जरूरी मिनरल्स और विटामीन तथा इम्युनिट cell को बढ़ाने का काम करता है।
संतरा, एक स्वादिष्ट फल है, यह फल विटामिन सी से भरपूर होता है तथा बहुत सारे पोषक तत्व तथा फोलिक एसिड इसमें प्रकृतिक मात्रा में पाए जाते हैं जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं तथा बीमारियों से लड़ने में हमारे शरीर कि सहायता करते हैं इसलिए संतरे का उपयोग करें।
ऑर्गेनिक तरीके से उत्पादित हरे पत्तेदार सब्जियां तथा फल जिस में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है लेकिन जो सब्जियां और फल पेस्टिसाइड फ्री और खतरनाक फर्टिलाइजर से फ्री होते हैं उन्हीं सब्जी और फलों का इस्तेमाल करें, बाजार में उपलब्ध चिकने और चमकीले फल तथा साफ-सुथरी और अत्यधिक चमकीली और शाइनिंग देती हुई फल और सब्जियों से बचें इन फल और सब्जियों को खतरनाक केमिकल से प्रोसेस करके इसे बनाया जाता है।
अनाज तथा दालें ऑर्गेनिक खाएं, यदि ऑर्गेनिक अनाज उपलब्ध ना हो तो कोशिश करें कि ऐसी जगह से इनको खरीदें जो कम से कम पॉलिश किए गए हो और कम से कम चमकीले हों, आजकल बाजार में उपलब्ध चावल ,दाल ,आटा इत्यादि को खतरनाक केमिकल से कोटिंग करके उनको चमकीला देखने में शानदार बनाया जाता है।
बाजार में उपलब्ध मैक्सिमम आटा उत्पाद में सोडियम ग्लूटामैट नाम के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है उस केमिकल के आड़ में गेहूं के आटे में अन्य तमाम तरह की मिलावट कर दी जाती है जो केमिकल्स के प्रभाव से हमें समझ में नहीं आता हमें मुलायम चमकीली,
साफ-सुथरी रोटियां देखने को मिलती है लेकिन ऐसे खाद्य पदार्थों के सेवन के पश्चात धीरे-धीरे उन में लगाए गए खतरनाक केमिकल्स हमारे शरीर में जाकर के हमारे अंगों को नुकसान पहुंचाते हैं तथा हमारे रोग प्रतिरोधक प्रणाली को कमजोर करते हैं ।
इसलिए आप सब से निवेदन है कि प्राकृतिक तौर पर उत्पादित ऑर्गेनिक फल सब्जियां अनाज खाएं, यदि आप ऐसी परिस्थिति में हैं जहां पर यह सब उपलब्ध नहीं है तो कोशिश करें या गांव से ताल्लुक रखते हैं तो अपने गांव से खाद्य पदार्थों को ले जाने की कोशिश करें ,
या फिर बाजार में ऐसी जगह से इनको खरीदे जहां पर अनाज कम से कम प्रोसेस करके बेचा जा रहा हो।
उदहारण के तौर पर आप के आस पास उपलब्ध आटा चक्की से आप साबुत गेहूं पिशा करके खा सकते हैं दाल चावल को आप कोशिश करें कि पालिश फ्री, डल कलर का चावल और दाल ही ले।
छिलके मिक्स ऐसे दाल और चावल का सेवन करें आटे के साथ-साथ चोकर अलग ना करें क्ोंकि इनमें फाइबर विटामिंस उपलब्ध होते हैं जो हमारे शरीर की पाचन क्रिया को मजबूत बनाते हैं तथा बीमारियों से लड़ने को तैयार रखते हैं ।
इन चीजों में सावधानियां बरतें आज की इस महामारी के दौर में अपने अपने परिवार को सुरक्षित रखे, इस प्रकार समाज में आप एक आदर्श उदाहरण पेश कर सकते हैं।
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