नमस्कार,
आज हम लाए है आपके लिए बहुत महत्व पूर्ण जानकारी। आटा गेहूं का आजकल भारत में सबसे ज्यादा खाए जाने वाला खाद्य सामग्री है।
लेकिन क्या आप जानते है जो आटा आप खाते है वो कहां तक आपकी सेहत के लिए अच्छा है??.
क्या बाजार में बिकने वाला पैकेट बंद आटा खाना अच्छा होता है??
मल्टीग्रेन आटा क्या होता है?
क्या हम अपने घर पर बना सकते है मल्टिग्रेन आटा??
क्या है हैल्थ बेनिफिट इसके आइए जानते है इसके बारे में डिटेल से।
आजकल की tuffभागदौड़ भरी जिंदगी में हम बड़े शहरों city में नौकरी पेशा के लिए आते हैं और बस जाते हैं ।तथा इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में समय ना होने के कारण हम रेडीमेड खाद्य पदार्थों को खरीद कर खाना ज्यादा पसंद करते हैं आजकल तो रोटी पराठे चावल इत्यादि सब बने बनाए बिकते हैं जिनको सिर्फ हम लाए और गर्म करें और खा ले ।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आपके किचन में जो सील पैक आटा बाजार से आया है खरीद कर कितना शुध है क्या वह हंड्रेड परसेंट नेचुरल गेहूं से निकाला गया है?? क्या उसमें किसी तरह का हानिकारक केमिकल्स पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं किया गया?? क्या वह खाने योग्य है?? क्या ओ शुद्ध साफ और नेचुरल गेंहू से निकाला गया है आदि बहुत सारे प्रश्न है जिन को जानना और कंफर्म करना बहुत जरूरी है ।
चलो दोस्तों मैं आपको बताता हूं ।
बाजार में बिकने वाला आटा मिलावट युक्त होता है इसमें स्वाद को बढ़ाने के लिए सॉफ्टनेस को बढ़ाने के लिए तथा आप को एडिकट बनाने के लिए इसका अहदि करने के लिए तमाम तरह के एडिबल्स केमिकल्स मिलाए जाते हैं दोस्तों यह कई बार ओपन मार्केट से लिए गए आटे के सैंपल टेस्टिंग से सिद्ध हो चुका है की ऑटो में मिलावट होती है ।
दोस्तों अच्छे से अच्छे ब्रांडेड कंपनियां एक्स्ट्रा केमिकल मिलाते हैं जिससे उसका एडिक्शन बना रहे हैं , जो लोकल पूर्ति करने वाली कंपनियां हैं वह तो बहुत कुछ मिलाते हैं जैसे चावल के टुकड़े चावल की भूसी लकड़ी का बुरादा तथा इन सब की टेस्ट को बैलेंस करने के लिए इसमें आर्टिफिशियल केमिकल मिलाकर टेस्ट देते हैं और हमारे थाली तक पहुंचा दिया जाता है।
जब हम रोटी बनाकर खाते हैं तो हमारे शरीर में तमाम तरह के रोगों को जन्म देता है जैसे in digestion की समस्या खून की कमी, डायबिटीज, सुगर, ब्लडप्रेशर, मोटापा, हाइपरटेंशन, बच्चो में लो बॉडी ग्रोथ , आदि अनेकों प्रकार के रोग उत्पन्न करते हैं।
इस प्रकार के आटा से सभी जरूरी प्राकृतिक पोषक तत्व खत्म हो जाते है जिससे हमारा शरीर इसको डाइजेस्ट Digest नहीं कर पाता और अनेकों तरह के बीमारियों Deseage के रूप में ये हमको रिएक्ट करती है।
आखिर कैसे पहचाने pure शुद्ध आटा?? कहां से खरीदे शुद्ध आटा?? हम आज आपको कुछ बेसिक टिप्स Tips बताएंगे जिनसे आप बिना मिलावट के आटा पा सकते है।
आप अगर प्योर आटा खाना चाहते है तो पैकेट वाले ब्रांडेड के चक्कर में मत पड़े।
चक्की पता करे,आपके आस पास कहा है। वहां से अपने आटा ऑर्डर पर तैयार कराए। आटा ज्यादा बारीक नहीं होना चाहिए , आटा से चोकर (Brawn) नहीं अलग होना चाहिए ।
गेहूं के साथ साथ आप बाजरा Millets , मक्का, सरसों चना, अलसी, सोयाबीन, मटर जैसे अनाजो को थोड़ी थोड़ी मात्रा में भी मिश्रित करके मल्टीग्रेन multigrain आटा बनाकर खाएं।
अगर संभव हो तो गेहूं खरीद कर अपने पास धुलाई करके रखे, और उसको चक्की से आटा बनवा कर खाएं।
Why Multi grain Flour, मल्टी ग्रेन आटा क्यों??
1. यदि आप मोटापे से परेशान है, तो इस प्रकार से अपने लिए मल्टीग्रेन आटा तैयार करें -
पांच किलो गेहूं में एक किलो चना, एक किलो जौ, 200 ग्राम अलसी और 40 ग्राम मेथीदाना मिलाकर पिसवाएं।
2. अगर आप दुबलापन underweight से निजात चाहते है, तो इस प्रकार से मल्टीग्रेन आटा तैयार करें
पांच किलो गेहू Wheat में एक किलो चना, एक किलो जौ, 600 ग्राम सोयाबीन, एक किलो चावल का आटा डाल कर पिसवाएं। इस आटे के इस्तेमाल से आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।
3. अगर गर्भवती हैं तो इस प्रकार से Multigrain आटा तैयार करें -
पांच किलो गेहूं में एक किलो सोयाबीन, 250 ग्राम तिल, डेढ़ किलो चना, 600 ग्राम जौ मिलाकर पिसवाएं। इससे गर्भावस्था के दौरान आपको भरपूर पौष्टिकता मिलेगी।
4. कब्ज की शिकायत रहती हो तो इस प्रकार से multigrain आटा तैयार करें।
पांच किलो गेहूं में एक किलो चना, आधा किलो मक्का, एक किलो जौ और 300 ग्राम अलसी पिसवाएं। इससे कब्ज से मुक्ति पाने में आपको मदद मिलेगी।
5. डायबिटीज़ हैं। तो इस प्रकार् से मल्टीग्रेन आटा तैयार करें -
पांच किलो गेहूं में डेढ़ किलो चना, 450 ग्राम जौ, 50 ग्राम मेथी, 50 ग्राम दालचीनी डालकर पिसवाएं।
6. घर में बढ़ते बच्चे हो, तो उनके लिए इस प्रकार से मल्टीग्रेन आटा तैयार करें और खीलाए -
पांच किलो गेहूं में 300 ग्राम सोयाबीन का बीज, एक किलो चना और 500 ग्राम जौ मिलाकर पिसवाएं। इससे बच्चों की अच्छी growth ग्रोथ होने में साहायता करता है।
इन बातों का ध्यान भी रखना चाहिए -
आटे को थोड़ा मोटा पिसवाना चाहीए।
आटे का चोकर अलग ना करें।
मल्टीग्रेन आटा का ज्यादा स्टॉक ना भरे।,
One time में एख हफ्ते या 15 दिन के लिए आटा पिसवाना चाहीए।
यदि आपको कोई समस्या नहीं है,
तो भी आप मल्टिग्रेन
आटा खाएं,
ये आपको आगे जाकर बीमार होने से बचाएगा। आपको स्वास्थ रखेगा।
लेख के बारे में कोई सुझाव या कॉमेंट यदि आप के पास है तो हमें बताएं।
Thank you